Human Body Part That Not Even Burn In Fire Teeth Are Considered The Most Indestructible Component Of The Human Body Apextalk


Interesting facts: जब किसी इंसान की मौत हो जाती है, तो उसका अंतिम संस्कार संबंधित धार्मिक रिवाजों से किया जाता है. किसी धर्म में मृतक के शव को जमीन में दफनाया जाता है तो, किसी में शरीर को पक्षियों के हवाले करने का रिवाज है. इसी तरह हिंदू धर्म में किसी के मृत्यु के बाद उसे अग्नि देकर उसका अंतिम संस्कार किया जात है. आग में जलने के बाद पूरा शव राख बन जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं शरीर का एक अंग ऐसा भी होता है, जो आग में भी नहीं जलता?

शरीर के अलग-अलग हिस्से जलते हैं

ह्यूमन बॉडी सॉफ्ट और हार्ड कोशिकाओं से बनी होती है. आग की वजह से सॉफ्ट टिशू सिकुड़ जाए हैं. इससे स्किन फट जाती है और शरीर की चर्बी व मांसपेशियां सिकुड़कर मुड़ जाती हैं. इसकी वजह से बॉडी अकड़ जाती है. आग की गर्मी से हड्डी में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं.

शरीर के जलने का तरीका होता है अलग

शरीर में चर्बी और अंगों की अलग-अलग बनावट की वजह से बॉडी के जलने का तरीका भी अलग होता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शरीर के जिस हिस्से को ज्यादा गर्मी मिलती है, वो उतनी जल्दी जलता है. जैसे कि अक्सर हाथों और पैरों की हड्डियां इतनी अधिक तीव्रता से नहीं जलती हैं, जितनी शरीर के अन्य हिस्से जल जाते हैं. ज्यादा चर्बी वाले अंग अधिक तीव्रता से जलते हैं. इसके बाद भी शरीर में कुछ ऐसे हिस्से भी होते हैं, जो जलते ही नहीं हैं.

यह अंग आग में भी नहीं जलता

शरीर में दांत वो हिस्सा होते हैं, जो आग में नहीं जलते हैं. चिता जल जाने के बाद जब अस्थियां इकट्ठी की जाती हैं, तो वहां दांत भी मिलते हैं. आग का इनपर मामूली असर ही होता है. दांत इंसानी शरीर का सबसे अविनाशी घटक माना जाता है.

सबसे कठोर ऊत्तक होने के कारण नहीं जलते

इनमें आग, सूखापन और अपघटन जैसे पर्यावरणीय प्रभावों के प्रति उच्चतम प्रतिरोध होता है. बाद में इन्हे भी अस्थियों के साथ ही जल में प्रवाहित किया जाता है. आग में भी न जलने का कारण इनकी संरचना ही है. चिता की आग में दांत के सबसे नरम ऊत्तक जल जाते हैं, जबकि सबसे कठोर ऊत्तक यानी तामचीनी बच जाते हैं.

नाखून के बारे में…

इसके अलावा, बहुत से लोगों का कहना है कि नाखून भी आगे में नहीं जलते हैं. हालांकि, यह बात वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित नहीं है. इसके अलावा अगर आप एक्सपेरिमेंट के तौर पर अपने नाखून का एक छोटा सा हिस्सा काट कर जला कर देखेंगे, तो यह जल जायेगा. इसलिए नाखून के बारे में ऐसा कुछ कहा नहीं जा सकता.

कंकाल जलने पर राख में नहीं बदलता

ध्यान देने वाली बात है कि कंकाल जलने पर राख में नहीं बदलता है. यहां तक कि आधुनिक शवदाह गृहों में भी नहीं, वहां भी कंकाल के अवशेषों को शरीर जलने के बाद श्मशान से निकाला जाता है और अवशेषों को श्मशान घाट पर रखते है. कंकाल न जलने के स्थिति में उसे पीसा जाता है. 

यह भी पढ़ें – जब बीयर की एक बोतल बिकती है, तो दुकानवाले की कितनी कमाई होती है?



Source link

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *