ED Attaches Properties Of Karti P Chidambaram In INX Money Laundering Case Apextalk


INX Money Laundering Case: ईडी ने आईएनएक्स धनशोधन मामले में मंगलवार (18 अप्रैल) को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) के बेटे कार्ति चिदंबरम की 11 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, ईडी (ED) ने कर्नाटक में 11.04 करोड़ रुपये मूल्य की 4 संपत्तियां (तीन चल और एक अचल संपत्ति) कुर्क की हैं, जो कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम (Karti Chidambaram) और अन्य से संबंधित हैं. 

ईडी ने कहा कि कुर्क की गई चार संपत्तियों में से एक कर्नाटक के कुर्ग जिले में स्थित अचल संपत्ति है. बयान में कहा गया है कि कार्ति के खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया गया है. 

शिवगंगा लोकसभा सीट से सांसद हैं कार्ति चिदंबरम

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद हैं और उन्हें आईएनएक्स मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी दोनों ने गिरफ्तार किया था. 

क्या है ये मामला?

ईडी ने आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2017 में पीएमएलए के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था. आईएनएक्स मीडिया को 2007-08 में एफआईपीबी (विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड) की मंजूरी मिली थी, जब पी चिदंबरम संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की तत्कालीन सरकार में केंद्रीय वित्त मंत्री थे.

आरोप है कि यह मंजूरी कानूनी नहीं थी और एजेंसियों ने पी चिदंबरम पर अपने बेटे कार्ति के माध्यम से मीडिया समूह के प्रमोटर इंद्राणी और पीटर मुखर्जी से रिश्वत लेकर भ्रष्टाचार और धनशोधन करने का आरोप लगाया है. एफआईपीबी को मोदी सरकार ने 2017 में खत्म कर दिया था. 

ईडी ने जांच में क्या पाया?

ईडी ने कहा कि यह पाया गया कि अवैध धन (अपराध की आय) मैसर्स आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कई मुखौटा कंपनियों के माध्यम से प्राप्त हुआ था जो एक अन्य आरोपी कार्ति पी चिदंबरम की स्वामित्व या प्रयुक्त की जाने वाली थीं और आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के लिए आरोपी पी चिदंबरम ने एफआईपीबी की मंजूरी दी थी.

इसने कहा आरोपियों की कंपनी में अवैध धन आईएनएक्स मीडिया की संस्थाओं की ओर से परामर्श प्रदान करने के नाम पर प्राप्त की गई. एजेंसी ने आरोप लगाया कि इस मामले में एक निश्चित समयावधि के दौरान शोधन की गई कुल अपराध से अर्जित आय 65.88 करोड़ रुपये है.

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