Kapil Sibal On Atiq Ahmed Murder: राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत में हत्या को लेकर आठ सवाल खड़े किए हैं. सिब्बल ने देर रात तक जांच, पुलिस की ओर से मीडियाकर्मियों को आने की अनुमति देना और तीनों हत्यारों में से किसी ने भी बचने का कोई प्रयास नहीं किया जैसे सवाल पूछे हैं. अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ (Ashraf Ahmed) की तीन हमलावरों ने शनिवार (15 अप्रैल) को प्रयागराज (Prayagraj) में गोली मारकर हत्या कर दी थी.
कपिल सिब्बल ने सोमवार (17 अप्रैल) को ट्वीट कर लिखा, “मिटाने की कला, अजीब बात है- रात 10 बजे मेडिकल चेकअप के लिए ले गए, कोई मेडिकल इमरजेंसी नहीं थी, पीड़ितों को चलवाया, मीडिया से बात करने दी. इसके अलावा मौके पर मौजूद हत्यारे एक दूसरे को जानते नहीं थे. उनके पास 7 लाख से ऊपर के हथियार, अच्छी तरह से शूट करने के लिए प्रशिक्षित और सभी हमलवारों ने आत्मसमर्पण कर दिया.”
विपक्षी नेता बीजेपी सरकार पर हमलावर
पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के अलावा अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव समेत कई विपक्षी नेता इस हत्याकांड को लेकर यूपी और केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसे एक ‘स्क्रिप्टेड’ एनकाउंटर बताया है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ की आलोचना की है.
Atiq & Ashraf
(The art of elimination)Odd:
1) 10pm for medical check up ?
2) No medical emergency
3) made victims walk
4) open to media?
5) assassins unknown to each other at the spot ?
6) weapons above 7lakhs
7) well trained to shoot !
8) All 3 surrendered
— Kapil Sibal (@KapilSibal) April 17, 2023
अखिलेश यादव ने फर्जी करार दिया
अखिलेश यादव ने अतीक अहमद और अशरफ व अतीक के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम की हत्या को फर्जी करार दिया है. उन्होंने कहा कि ये सत्तारूढ़ बीजेपी की ओर से स्थानीय निकाय चुनावों से पहले वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए किया गया है. बीते गुरुवार को यूपी पुलिस के साथ मुठभेड़ में अतीक अहमद के बेटे असद और उसके सहयोगी गुलाम की मौत के बाद भी विपक्षी नेताओं ने सवाल खड़े किए थे.
कैमरे के सामने मारी गोलियां
अतीक अहमद और अशरफ की शनिवार देर रात पत्रकार बनकर तीन लोगों ने काफी नजदीक से गोली मारकर हत्या कर दी थी. ये घटना तब हुई जब अतीक और अशरफ पुलिसकर्मियों के साथ ‘मेडिकल चेक-अप’ के लिए जा रहे थे. इस दौरान आरोपी अरुण मौर्य, लवलेश तिवारी और सनी ने भागने का कोई प्रयास नहीं किया. उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस का दावा है कि तीनों ने अंडरवर्ल्ड के बीच अपना नाम बनाने के लिए अतीक और अशरफ की हत्या की.
यूपी सरकार ने जांच समिति का गठन किया
पुलिस ने आगे कहा कि उन्होंने हत्यारों के पास से तीन पिस्तौलें बरामद कीं, जिनमें से दो तुर्की में बनी 9 एमएम की बंदूकें थीं. ये घटना कैमरे में लाइव कैद हुई थी. जब मीडियाकर्मी अतीक अहमद से बेटे असद के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाने को लेकर सवाल कर रहे थे तभी उन्हें गोली मार दी गई. यूपी सरकार ने अतीक और अशरफ की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन किया है. अतीक अहमद, उसका भाई और उसका बेटा असद उमेश पाल की हत्या के आरोपियों में शामिल थे.
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