Jamadar Post Redesignated: सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में जमादार के पद का नाम बदलकर अब पर्यवेक्षक यानी सुपरवाइजर कर दिया है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने इसे लेकर बड़ा फैसला लिया है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी और सेवक (सेवा और आचरण की शर्तें) नियम 1961 को संविधान के आर्टिकल 146 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए संशोधित कर दिया.
इस बदलाव के संबंध में शनिवार (15 अप्रैल) को एक अधिसूचना जारी कर बताया गया था. अंग्रेजों के जमाने से जमादार शब्द का इस्तेमाल जूनियर कर्मचारियों के लिए हो रहा था, जो ऑफिस की साफ-सफाई के काम से जुड़े होते थे. नियमों में किया गया ये हालिया बदलाव फर्श और सफाई वाला श्रेणी के पदों पर लागू होगा.
क्या है संविधान का अनुच्छेद 146?
संविधान का अनुच्छेद 146 सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी और सेवक और उच्चतम न्यायालय के खर्चों से जुड़ा हुआ है. इस अनुच्छेद 146 से मिलने वाली शक्तियों के तहत चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया या सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायमूर्ति या अधिकारी अदालत में होने वाले नियुक्तियों को लेकर फैसला ले सकते हैं. बशर्ते इस फैसले से राष्ट्रपति के अधिकारों का उल्लंघन न हो रहा हो.
सुप्रीम कोर्ट में जगह की कमी पर सीजेआई ने कही थी ये बात
सुप्रीम कोर्ट में जगह की भारी कमी को लेकर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि नई एनेक्सी बिल्डिंग बनवाकर जगह की कमी को दूर करने की योजना पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी के डिजाइन किए जा रहे नए भवन में प्राथमिक काम कानूनी संस्थान के सबसे महत्वपूर्ण हितधारकों यानी वकीलों और वादियों को पर्याप्त जगह मुहैया कराना है.
कोरोना मामले बढ़ते ही कही थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई की बात
देशभर में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने 5 अप्रैल को कहा कि अगर वकील चाहें तो वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी मामलों की सुनवाई करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि अगर वकील चाहें तो उनकी दलीलें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर भी सुनी जा सकती है और उन्हें कोर्ट आने की जरूरत भी नहीं होगी.
सीजेआई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की एक पीठ ने एक मामले की सुनवाई के कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ये बात कही. उन्होंने कहा कि वह वकीलों के मामले को हाईब्रिड मोड (परिसर में या ऑनलाइन माध्यम से) से पेश होने की अनुमति देने को तैयार है.
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