BMC Ward 227 High Court Has Given Its Decision Latest News Apextalk


Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट से उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने मुंबई महानगर पालिका में वार्डों की संख्या  को लेकर शिंदे-फडणवीस सरकार के हक में फैसला सुनाते हुए कहा कि बीएमसी में वार्डों की संख्या 227 ही रहेगी. बता दें कि पूर्व पार्षद राजू पेडनेकर ने एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कोर्ट से बीएमसी वार्डों की संख्या बढ़ाकर 236 करने की गुहार लगाई थी. आज हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया. अब मुंबई महानगर पालिका में आने वाले चुनावों में वार्डों की संख्या 227 निश्चित रहेगी. दो पूर्व पार्षदों- राजू पेडनेकर और समीर देसाई द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसबी शुकरे और एमडब्ल्यू चंदवानी की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया.

‘याचिकाओं में हमें कोई सार नहीं मिला’
पीठ ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि हमें दोनों याचिकाओं में हमें कोई सार नहीं मिला, इसलिए दोनों याचिकाएं खारिज की जाती हैं. पेडनेकर ने शिंदे सरकार के फैसले को संविधान के खिलाफ बताते हुए कोर्ट इस फैसले को रद्द करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि याचिका पर सुनवाई लंबित रहने तक सरकार के फैसले पर रोक लगाई जाए. इसके अलावा उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना की थी कि राज्य चुनाव आयोग 4 मई और 20 जुलाई  को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार पहले किये गे परिसीमन के आधार पर बीएमसी चुनाव कराए.

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उनकी याचिका में तर्क दिया गया था कि फरवरी 2022 में, उच्च न्यायालय ने एमवीए सरकार द्वारा बीएमसी वार्डों को बढ़ाकर 236 करने के लिए शुरू किए गए परिसीमन के खिलाफ याचिकाओं को खारिज कर दिया था.इसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने आधिकारिक राजपत्र में एक अंतिम अधिसूचना प्रकाशित की थी. इस पर शिंदे सरकार ने कहा था कि यह याचिका निजी हितों के उद्देश्यों के साथ दायर की गई है.

क्या था पूरा मामला
बता दें कि उद्धव ठाकरे ने जनसंख्या वृद्धि का तर्क देते हुए  बीएमसी में वार्डों की संख्या बढ़ाकर 236 की थी. उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार के दौरान नए क्षेत्रों का परिसीमन कर बीएमसी वार्ड की संख्या 236 कर चुनाव कराने का निर्णय लिया था. वहीं एकनाथ शिंदे की सरकार बन जाने के बाद उन्होंने उद्धव सरकार के फैसले को पलटते हुए वार्डों की संख्या 227 रखने का निर्णय लिया.  शिंदे- फडणवीस सरकार के इस फैसले के खिलाफ पूर्व शिवसेना नगरसेवक राजू पेडणेकर, जो अब उद्धव गुट में हैं, ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने नकार दिया. बीएमसी का कार्यकाल फरवरी 2022 में खत्म हो चुका है.



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