US Emerges As Indias Biggest Trade Partner In Last Financial Year China At Second Position Apextalk


वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों में पिछले कुछ सालों में आए बदलाव का असर दुनिया भर के देशों के व्यापारिक संबंधों पर भी हो रहा है. भारत भी इससे अप्रभावित नहीं है. परिस्थितियों के हिसाब से भारत का अन्य देशों के साथ होने वाला व्यापार भी करवट ले रहा है. यही कारण है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापार (India US Trade) भागीदार बनकर उभरा है, जबकि लंबे समय से चीन (India China Trade) इस स्थान पर काबिज रहता आया है.

मजबूत हो रहे आर्थिक संबंध

वाणिज्य मंत्रालय के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है. दोनों देशों के बीच इस दौरान 128.55 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. इससे पता चलता है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और मजबूत हो रहे हैं.

डेढ़ गुणा बढ़ा व्यापार

आंकड़ों के अनुसार, मार्च में समाप्त हुए पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 128.55 अरब डॉलर का हो गया. इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 119.5 अरब डॉलर रहा था. इस तरह साल भर में दोनों देशों के व्यापार में 7.65 फीसदी के आस-पास की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं 2020-21 में यह सिर्फ 80.51 अरब डॉलर था. इसका मतलब हुआ कि बीते दो साल के दौरान भारत और अमेरिका का आपसी व्यापार डेढ़ गुणा बढ़ा है.

भारत के पक्ष में संतुलन

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने अमेरिका को 78.31 अरब डॉलर का निर्यात किया. यह साल भर पहले यानी 2021-22 में 76.18 अरब डॉलर था. इस तरह बीते एक साल में अमेरिका को भारत का निर्यात 2.81 फीसदी से बढ़ा. वहीं दूसरी ओर भारत में अमेरिका से आयात इस दौरान 16 फीसदी की वृद्धि के साथ 50.24 अरब डॉलर हो गया. हालांकि निर्यात की तुलना में आयात की तेज बढ़ोतरी के बाद भी अभी व्यापार संतुलन भारत के पक्ष में ही है.

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चीन के साथ कम हुआ व्यापार

कई सालों से भारत के सबसे बड़ा व्यापार भागीदार रहे चीन की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष में इस पड़ोसी देश के साथ द्विपक्षीय व्यापार में गिरावट दर्ज की गई. वित्त वर्ष 2022-23 में भारत और चीन का आपसी व्यापार 1.5 फीसदी की गिरावट के साथ 113.83 अरब डॉलर रह गया. यह साल भर पहले यानी वर्ष 2021-22 में 115.42 अरब डॉलर रहा था.

सिरदर्द बढ़ाने वाले ये आंकड़े

इस दौरान भारत से चीन के लिए निर्यात में 28 फीसदी की गिरावट आई और यह 15.32 अरब डॉलर रह गया, जबकि आयात 4.16 फीसदी की वृद्धि के साथ 98.51 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इसका मतलब हुआ कि भले ही दोनों देशों का कुल व्यापार कम हुआ हो, लेकिन इसे भारत के लिए परेशानियां बढ़ाई है. निर्यात कम होने और आयात बढ़ने से भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 2022-23 में बढ़कर 83.2 अरब डॉलर हो गया, जो इससे पिछले साल 72.91 अरब डॉलर था.

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